शुक्रवार, 22 मई 2015

मेरी इच्छा और तेरी ख्वाहिशे

मेरी इच्छा और तेरी ख्वाहिश ही
इस जिंदगी के मजहब और मकसद है
मेरी इच्छा और तेरी ख्वाहिश ही
इस जिंदगी के मजहब और मकसद है
ज़िन्दगी के गहरे रहस्य
इच्छा और ख्वाहिशो के बीच है
जिंदगी एक नाटक मंच है
इच्छा और ख्वाहिशो इसके चहेरे और पात्र है
पात्रो के बीच जिंदगी के रहस्य है
मन्नत तेरी, रूह मेरी
आशा और उम्मीद के मध्य
जिंदगी के झूलते पल है

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