शुक्रवार, 29 मई 2015

सत्ताधारी शासक

दुनिया के अलग अलग हिस्सों में
जनता शासको के अत्याचार से परेशान है
सीरिया पर भी संकट के बादल है
ज़िन्दगी बदहवाश है
मासूम माँ और बच्चे हिंसा से त्रस्त है
सडको और रेल की पटरी पर
सरकारों ने डाला आरक्षण का जाल है
भूखे पेट सोती जनता है और शासक मस्त है
सता का तमाशा चलता है
अपनी अपनी बीन बजाते शासक है
सत्ता के दरबार में जनता का बना तमाशा है
अच्छे शासक अच्छे दिन के दावे करते है
पर किसानों के बच्चे भूखे है
सडको पर सोता बचपन है
आशा भरी निगाहे अपनी जिंदगी
के अर्थ तलाशती है
आज भी 19.4 करोड़ लोग
भारत में भूखे सोते है
मार्क्सवाद आज सच सा लगता है
सतासीन शासक सब्सिडी वाला
ससंद में खाना खाकर
सेल्फी क्लिक करते है
सूट बूट की खबरे अखबारो
में छपती है

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