।।चला गदेलव गोली खेलय ।।
सब ज़ने जाइके अपने घरेस
  गोली लइके आवा ।।
  ऊँच खाल कुछ देख ताकिके
  पिल्लुर एक बनावा ।।
  अपने घरे बताइके आया
  जौने केहू न हेरय ।।
  चला गदेलव गोली खेलय ।।1।।  
जुग्गू काका के पता करा वै
  भिटवप सोवत ह्वैइहे ।।
  खटिया ओनकय फेकि देह्य जब
  सीधे चला न अइहे ।।
  काल्ह जीत के भाग रहेन तब
  आज हारिके डोलय ।।
  चला गदेलव गोली खेलय ।।2।। 
बेइमानी जे करे आज तो
  ओकर कभौ न होये ।।
  एक पिले इक लागे जेकर
  सब गोली लयिजाये ।।
  बन्नेस कहि द्या दुसरेक पारिप
  टिपिर टिपिर न बोलय ।।
  चला गदेलव गोली खेलय ।।3।। 
आज पटे न होये केहुके
  मिले न एक उधार।
  द्वि ठे लागे पिले अगर द्वि
  पड़े देइके डाड़ ।।
  चार चार के होये मिलउवल
  जे झेलि सकै तो झेलय ।।
  चला गदेलव गोली खेलय ।।4।। 
हाथ धरउव्वल टप्पा उच्छा
  तनिकौ मानि न जाये ।।
  ढेंगुल लागे तबै केहुके
  सब गोली मिलि पाये ।।
  जुग्गुस कहि द्या बड़का अंटा
  थैली में न ढूढ़य ।।
  चला गदेलव गोली खेलय ।।5।। 
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