मंगलवार, 12 मई 2015

जीवन रहस्य

जीवन के इस अनंत आकाश मे, देखो यादों के कितने सितारें
पूनम की रात हैं आई देखो, जगमग होते ये तारें , वो तारें

जब जीवन सुखमय होता हैं सूरज सा जगमग होता हैं
कितना अनुपम वो पल होता हैं आकाश भी रौशन होता हैं
एक ही तारा तब सब होता हैं बाकी सब औंझल होता हैं

निर्मोही दिन ढलता जाता हैं, वक़्त रेत सा फिसलता रहता हैं
कालचक्र निरंतर चलता जाता हैं विधाता भाग्य बदलता रहता हैं

अमावस रात जब आता हैं घनघोर अँधेरा छा जाता हैं
गहन सन्नाटे के सायें मे चंचल मन घबरा जाता हैं
नभ स्याह से भर जाता हैं नजर कहाँ तब कुछ आता हैं
ध्यान अंतर्मन मे आता हैं अब सबकुछ वो विधाता हैं

एक ज्योत किरण का तब आता हैं मार्गदर्शक वो बन जाता हैं
अँधेरा धीरे-धीरे थम जाता हैं आकस्मिक सूर्योदय हो जाता हैं

इस बीच अपनो और परायों का अंतर, अंतर्मन समझ जाता हैं
अच्छे दिनो का साथी अपना क्या हुरबत मे साथ निभा पाता हैं
इस जीवन रूपी पाठशाले मे, प्रश्न कहाँ सरल आता हैं
विशाल समुद्र के मंथन मे भी, अमृत संग गरल आता हैं

रहस्य हैं ये मानव जीवन का , कहाँ सबको ये समझ आता हैं
सुख के बाद दुख, दुख के बाद सुख, भला कहाँ ये संग आता हैं
इन तानो-बानों के बीच जीवन अपना गुजर जाता हैं
पर जो जिए जीवन एक लक्ष्य के साथ उसका जीवन सुधर जाता हैं

अनेक मौसम हैं इस जीवन में एक आता हैं तो एक जाता हैं
अंत में एक ऐसा मौसम आता हैं जहाँ जीवन अपना थम जाता हैं
आवो सब मिलकर बाटें खुशियाँ देखें किसके हिस्से फिर ये गम आता हैं

जीवन के इस अनंत आकाश मे देखो यादों के कितने सितारें
पूनम की रात हैं आई देखो जगमग होते ये तारें – वो तारें |

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