बुधवार, 27 मई 2015

गुरुदेव ही मेरे भगवान ....

गुरुद्वार मेरा, मंदिर है मेरा, गुरुदेव ही मेरे भगवान
शरणम् गुरु की सार…..
जो भी आया यहाँ सब पाया यहाँ, गुरुदेव हैं करुणानिधान
शरणम् गुरु की सार…..

गुरु विष को अमृत कर देते, गुरु रोग शोक को हर लेते
है सार गुरु आधार गुरु, गुरु ही देते सब ज्ञान
शरणम् गुरु की सार…..

गुरु सैम तो हितैषी कोई नहीं, गुरु बिन उद्धार है होवे नहीं
गुरु सेवा करें, गुरु ध्यान धरें, करते तरहे गुरु गुणगान
शरणम् गुरु की सार…..

गुरु मन की मैल को धोते हैं, गुरु सबके रक्षक होते हैं
हमें तारे यही है सवारे यही, देते भक्ति का दान
शरणम् गुरु की सार…..

जो पाप के बोझ से भारी हैं, उनकी बिगड़ी भी सवारी है
दुर्गुण है हरे मंगल है करे, कभी ना चाहे सम्मान
शरणम् गुरु की सार…..

गोविंदा गोविंदा गोविंदा हरि गोविंदा
नारायण नारायण नारायण हरि नारायण ||

सद्गुरुदेव की जय …..

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