मंगलवार, 26 मई 2015

गुरुदेव दया कर दो मुझ पर

गुरुदेव दया कर दो मुझ पर, मुझे अपनी शरण में रहने दो
मुझे ज्ञान के सागर में स्वामी, अब निर्मल गागर भरने दो |

तुम्हारी शरण में जो कोई आया, पार हुआ वो एक ही पल में
इस दर पे हम भी आये हैं, इस दर पे गुजारा करने दो |

सर पे छाया घोर अन्धेरा, सूझत नाहीं राह कोई
ये नयन मेरे और ज्योत तेरी, इन नयनों को भी बहने दो |

चाहे डूबा दो चाहे तैरा दो, मर भी गए तो देंगे दुआएं
ये नाव मेरी और हाथ तेरे, मुझे भव सागर से तरने दो ||

गुरुदेव …..गुरुदेव …..गुरुदेव …..गुरुदेव …..गुरुदेव …….

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