सोमवार, 21 दिसंबर 2015

भुला देना मुझे माँ

बहुत दूर हूँ माँ तुझसे मैं,
नहीं पुँछ सकती तेरे इन आंशु को ,
मैं वापस नहीं आ सकती माँ,
पापा ,भाई को संभाल लेना ,
मेरी हर याद को अपने सीने से मिटा देना ,
पापा अकेले मैं मुझे बहुत याद करते है,
मेरी बचपन की गुड़िया को बार बार देख्ते है ,
मेरी साइकिल वाली तस्वीर को रात मे अपने पास रख्कर सोते है ,
भैया हर रक्षा बंधन पर मुझे याद करता है,
मेरे लिए आज भी इतने तोहफे सहेज कर रखता है ,
उसे समजाना माँ ,ज्योति अब नहीं आएगी ,
हार गए माँ हम,
मुझे न मिलेगा यहाँ इन्साफ कभी ,
भुला देना अब मुझे………………..मेरी हर याद को ,हर तस्वीर को…

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