शनिवार, 19 दिसंबर 2015

छोटा उस्ताद

लूट खसोट हो चाहे
या हो कोई चौरी चारी
नन्ही सी हो या हो बूढी
छेडउगा मै नारी सारी
शराब तस्करी
कोकेन का चसका
करू खून जो
मुझको खसका
तोडूगा कानून रोज मै
उडाऊगा इज्जत के चिट्ठे
रेप बन गया मेरा शौक अब
उम्र हाथ है मेरे पीछे
लुट मचाऊ लडकी उठाऊ
करू खून या बोम लगाऊ
कानून मेरा अंगरक्षक है
छोटा उस्ताद हू
सबका भक्षक मै
मौत मुझे नही दे पाओगे
मै नाबालिग हू बच जाऊंगा
करके तबाही मै कितनी भी
एक दिन बाहर तो आ जाऊँगा

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