मंगलवार, 29 दिसंबर 2015

पिरामिड ।ठण्ड के प्रति।

वर्ण पिरामिड। ठण्ड के प्रति।

ये
सर्द
हवाएँ
कंपकपी
कंक शरीर
ले ठण्डी सी आह
कल ही मरा गरीब

दो
दिन
के बाद
फिर कैसे ?
क्यों खिली धूप?
विजयी सूरज
या पराजित मृत्य

@राम केश मिश्र

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