GAZAL !!
  माना की लोग जीते हैं हर पल खुशी के साथ 
  शामिल है जिंदगी में मगर ग़म सभी के साथ !
आएगा मुश्किलों में भी जीने का  फ़न  तुझे 
  कूछ दिन गुज़ार ले तू मेरी मुफ़लिसी के साथ !
नाज़ो अदा के साथ कभी  शोखिओं के साथ 
  दिल में उतर  गया वो बड़ी सादगी के साथ !
ख़ूने  जिगर  निचोड़  के रखते हैं  शेर  में 
  मुझको बहुत है प्यार मेरी शायरी के साथ !
आसानियां   रहीं   कभी   दुश्वारियां   रहीं 
  मौसम के पेंचो ख़म भी रहे ज़िंदगी  के साथ !
उसपे  ना  एतबार   कभी  कीजिए  ” रज़ा ” 
  धोका किया है जिसने हर एक आदमी के साथ !
shayar salim raza rewa
Read Complete Poem/Kavya Here माना की लोग जीते हैं हर पल खुशी के साथ - GAZAL SALIM RAZA REWA
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