शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015

किस नम्बर की कार तुम्हारी

*किस नम्बर की कार तुम्हारी*
…आनन्द विश्वास

चन्दा मामा हमें बताओ,
किस नम्बर की कार तुम्हारी।
पन्द्रह-पन्द्रह दिन ना आते,
कैसी है सरकार तुम्हारी।

पन्द्रह दिन तक इवन नम्बर,
पन्द्रह दिन तक नम्बर ऑड,
इवन-ऑड वहाँ भी चलता,
या तुम करते रहते फ्रॉड।

डीज़ल से क्या चलते तारे,
सीएनजी किट नहीं वहाँ पर।
दूषित है वातास वहाँ क्या,
धूल-धुआँ कैसा है ऊपर।

सूरज पर क्या पावर-कट है,
पावर-हाउस हुआ क्या फेल।
लो-बोल्टेज की धूप यहाँ है,
राम भरोसे अपनी रेल।

कौन-कौन से दल हैं नभ में,
भ्रष्टाचार वहाँ पर कैसा।
अच्छे दिन हैं कहो वहाँ पर,
या फिर सब कुछ धरती जैसा।

कृष्ण-पक्ष है, शुक्ल-पक्ष है,
पन्द्रह-पन्द्रह दिन का शासन।
क्या विपक्ष की संख्या कम है,
ठग-बन्धन का चलता शासन।

हमने तो सोचा था पहले,
मामा के घर हम जाऐंगे।
वातावरण वहाँ जब दूषित,
अब हम वहाँ नहीं आऐंगे।
…आनन्द विश्वास
http://anandvishwas.blogspot.in/2015/12/blog-post.html

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here किस नम्बर की कार तुम्हारी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें