सुन्दर बाला
  ऑ कोमलचित सुन्दर बाला,
  तू प्रीत सुरा का है प्याला!
  तेरा रुप अलौकिक खिला हुआ,
  कुदरत से तुझको मिला हुआ!!
  तेरे केशु है काली घटा,जैसे
  अन्खियो में अदभुत प्रेम बसा!
  ऑ स्वछ पूनम की चान्दनिया,
  तू ही तो मेरी है दुनिया!!
                    
कवि
              राजपुत कमलेश ” कमल ” 

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