मंगलवार, 22 दिसंबर 2015

माँ तो बस माँ होती है

मेरी जिंदगी में जब भी कोई बात खुसनुमा होती है,
मुझसे ज्यादा झुस मेरी माँ होती है ,

हर वक़्त होता है साथ उसके आँचल का साया
बिन बोले समझ वो मेरी जुबान लेती है ,

एक अजीब सी चमक होती है उसकी आँखों में
मेरा पेट भरकर जिस दिन मेरी माँ सोती है

न जाने क्यों लोग माँ को खुद कहते है ,
सुन ऐ ‘अजनबी’ , माँ तो बस माँ होती है

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