शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015

छोटी सी ख्वाहिश

खुले गगन मे आज़ाद पंछी बनकर उड़ना ,
चाहत है मेरी ,
प्रकर्ति के हर रूप को निहारकर ,
उसमे मुग्द हो जाना ,
हसरत है मेरी,
अपनी धरती माँ को हज़ारो मीलो ऊपर से देख्ना,
सब कुछ भूलकर उसकी गोद मे सोना ,
बस छोटी सी ख्वाहिश है मेरी |

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