सोमवार, 21 दिसंबर 2015

** * मेरे सपने ** ( हाइकू )

पंखो को फैला
ऊपर आसमा मे
उड जाऊ मै ।1

तितली बन
पूरे – पूरे जंहा मे
मडराऊ मै । 2

ना उलझन
रोके मुझको कोई
वे निशाँ बने । 3

हवाओ संग
फैले प्रसिद्धि मेरी
पाँव मेरे जमे । 4

मेरे सपने
होगे पूरे कोई ना
रोकना मुझे । 5

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here ** * मेरे सपने ** ( हाइकू )

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें