बुधवार, 30 दिसंबर 2015

मोतियों की तरह जगमगाते रहो - GAZAL SALIM RAZA REWA

GAZAL !
मोतियों की तरह जगमगाते रहो 
बुल बुलों की तरह चहचहाते रहो !

जब तलक आसमां में सितारें रहें 
ज़िंदगी भर सदा मुस्कुराते  रहो !

इन फ़िज़ाओं में मस्ती सी छा जाएगी 
अपनी ज़ुल्फ़ों की ख़ुश्बू  उड़ाते रहो !

हम भी तो आपके जां निसारों में हैं 
क़िस्सा- ए- दिल हमें भी सुनाते रहो !

देखना रौशनी कम न होवे कहीं  
इन चराग़ों की लौ को बढ़ाते रहो !

इतनी खुशियां मिले ज़िंदगी में तुम्हे 
दोनों हांथों से  सबको  लुटाते  रहे !

रंगे गुल रुख़ पे हरदम नुमाया रहे 
जब निगाहें मिले मुस्कुराते रहो !

212 212 212 212
shayar salimraza rewa
9981728122

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