बुधवार, 27 जनवरी 2016

32..........!

खामोशियों मे डूबी शाम है, तन्हाइयों मे डूबे हम..!
हम उसके (शाम) आने से,वो किसी (सूरज) के जाने से…!!

Acct- इंदर भोले नाथ…

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