रविवार, 24 जनवरी 2016

नजर लगते नही देखा..

मैने कभी नजरो से नजर लगते नही देखा,
नजर लगे हुये को गिरते नही देखा,
आज भी खुबसुरत कली फूल बन कर खिलती है,
नजरो मे बंध कर इसे,
फूलो से कली होते नही देखा.
मैने कभी नजरो से नजर लगते नही देखा..

आज भी मीरा के गीत जीवन में
गुन्जते है,
आज भी मीरा के शब्द दिलो मे
घर करते है.
इन नजरो के बन्धन से मैने,
मीरा को बदलते नही देखा.
मैने कभी नजरो से नजर लगते नही देखा..

कल की सुरज से पुरी दुनिया रौशन थी,
कल की चांद से पुरी रात ही रौशन थी,
हर दिन ये सुरज दुनिया को रौशन करता,
दूर हो कर भी हमारे होने का मतलब होता,
यु नजरो से बच कर मैने इसे
दूर होते नही देखा,
मैने कभी नजरो से नजर लगते नही देखा..

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