रविवार, 24 जनवरी 2016

बेटी ....!

बेटी होकर कभी मन को छोटा मत करना
बाप का अभिमान हो उसे कम मत करना
रंग बिरंगी दुनिया में लोग हर तरह के होते है
किसी एक के कारण खुद को परेशान मत करना !!

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here बेटी ....!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें