-: इक दिल :-
                                   रातों को रुलाती है ,
                                       याद तेरी !!
                          मत पूछो ….मत पूछो कितना सताती है
                                       याद तेरी !!
                                 ना जाने ये दिल -2
                                    कहाँ डूबा रहता है
                                   रोज समझता हूँ -2
                                    और ये है कि -2
                                   इस नासमझ नादान को
                                  रोज मुझे बहका जाता है 
                            हसरतें जो थी , इस दिल की -2
                                सब जलकर –खाक हो गयी
                             अरमानों की ही — तो थी दुनिया
                              सब — सब तबाह हो गयी 
                            दिल को था – समझाया बहुत
                                 इक रोज तू पछताएगा
                          तेरे दर्द का हर कतरा – उम्मीदों का
                               तेरी इन आँखों से बह जाएगा
                            देखो – देखो अब ये खुद तड़पता है
                                  और … मुझे भी तड़पाता है
                           न जाने … न जाने क्या ये चाहता है
                                 मरता है हर पल -2
                                   तेरी ही याद मे
                        और कमबख्त … जीने की हसरत भी रखता है
                               कहता हु इसे … 2
                                  भुला दे तुझे
                              तू दूर … बहुत दूर कहीं है 
                                  ये मुस्कराता है – 2
                                      कहता है –
                           वो आएगी …. वो आएगी … देखना
                                एहसास होगा उसे एक दिन -2
                                     एक दिल है – 2
                            जो उसे , चाहत से ज्यादा … चाहता है 
written by :- Sonu Sahgam
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