शुक्रवार, 22 जनवरी 2016

मुझको   मेरे  नसीब  से  कोई नहीं गिला - SALIM RAZA REWA

ग़ज़ल –
मुझको   मेरे  नसीब  से  कोई नहीं गिला !
जिसके था जो  नसीब में उसको  वही मिला !!

जिसको वो चाहे उसको वो शोहरत आता करे !
उसके   वगैर   हुक्म  न  पत्ता कोई हिला !!

मिलता है वो सभी से खुलूशो अदब के साथ !
क़ाइम है आज भी वही उल्फ़त का सिलसिला !!

तनहा  वगैर  उसके तो  जीना  मुहाल  है !
या  रब  यही दुआ है मेरे  यार  से  मिला !!

दिल तोड़ के वो साथ रक़ीबों  से  जा मिले  !
मेरी   वफ़ा का  उसने  मुझे ये दिया सिला !!

कैसा  ये इत्तफ़ाक़  है  फूलों के दरमियाँ !
मेरा  ही  सिर्फ फूल चमन में नहीं खिला !!

मेरे  नबी  पे ख़त्म  नबूबत  हुई ‘रज़ा ‘!
पैगम्बरी  का   आगे नहीं कोई सिलसिला !!
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Gazal By salim raza rewa 9981728122

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