रविवार, 31 जनवरी 2016

देर रात के मैसेज से परेशान.......(रै कबीर)

हाले दिल बयां में काहे की शरम
जरा तुम भी दिल कोे रखो नरम
हाल ही पूछा कोई कत्ल ना छोरी
क्यूँ बिन बात कै न्यूं बावली होरी
माना कई बार दिक्कत सी होवैं
पर छोरियां भी तो टैम तै सोवैं
जद मिलैगी ना तूं चैट अॉन
फेर करेगा तनैं मैसेज कौन ।।।।

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