शुक्रवार, 22 जनवरी 2016

कलम .............( 8 )

कलम तो ठहरी कठपुतली
नाचे वैसे जैसे कोई नचाये,
मन के विचार रख कागज़ पर
व्यक्तित्व से पहचान कराये !!
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D.K. Nivatiya……

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