आहत हुए हो, दिल दुखा है
  पीठ के पीछे वार हुआ है ।
  फिर से जा, दिल पे छा
  दोस्त को अपने घाव दिखा ।
  मत रख दिल में कङवाहट
  रोक नफ;रत की आहट ।
  तेरा सदगुण दोस्ती
  छोङ दुनिया क्या सोचती ।
  भला किया है और करे चल
  सुकूं मिलेगा आएगा वो पल ।
  बुरे समय में यही है ढाल
  नेकी कर दरिया में डाल ।
  भूल वाकया मत कर सोच
  हीन नहीं तूं आंसू पोंछ ।।

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