मेरी याद में तूं मेरी भूल में तूं
  मेरे सूक्ष्म में तूं मेरे स्थूल में तूं
  मैं मंजूर हूँ तुझे मुझे कबूल है तूं
  मैं तोड़ ना पाऊ वो उसूल है तूं
  मैं जाग जाऊ तो यादो में आती है
  सो जाऊ तो सपनो में आकर सताती है
  तेरे साथ का वो थोड़ा समय
  दिल को कितना सुकून दे जाता है
  ख्वाबो में तेरी मुस्कराहट का शोर
  मुझे नींद से जगा देता है
  तेरी ख़ामोशी का अहसास
  दिल को अचानक से डरा जाता है
  भूल से भी भूल जाऊ तुम्हे दो पल
  तो ये दिल खाली सा हो जाता है !!!

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