कुछ तो था तेरी मेरी बातों में कुछ नया,                                                 .
                                याद हैं वो बीता,
                                हर पल का एक जहाँ
                              याद हैं वो हर दिन, हर रात
                                जो तेरे  संग काटी
                                याद हैं वो नन्ही ख़ुशी और गम की बरसात
                                जो तेरे संग बांटी 
                              याद हैं हर लम्हा,जो तेरे साथ जुड़ा
                                याद हैं हर शिकवा, हर गिला
                                जिससे रिश्ता ये मुड़ा
                              याद हैं तेरी साँसों का महकना
                                हर बात का, तेरी आँखों से कहना
                                हर घड़ी बस तेरा ही अहसास
                                लगता हैं आज भी तू हैं कहीं आसपास
                              कर रही हूं तेरे मेरे लफ़्ज़ों को बयाँ
                                कुछ तो था तेरी मेरी बातों में कुछ नया     

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