बुधवार, 27 जनवरी 2016

मान-सम्मान

पैसा हो तो अनपढ़ भी, बन जाता समझदार l
बिन पैसो के पढ़ा-लिखा, कहलाता गवार ll

पैसो वालो के आगे-पीछे, भागे-भागे दौड़े l
गरीब सामने आ जाये तो, अपनी नज़रे मोड़े ll

मुँह देखकर होते है टीके, पूछ उन्ही की होती है l
जिनके पास पैसा होता है, उनकी वाह-वाह होती है ll

पैसो वालो की गलती पर, पर्दा डाला जाता l
गरीब करे तो उसी बात को, खूब उछाला जाता ll

जानते है कोई किसी को, कुछ नहीं दे जाता l
फिर क्यों पैसे की चमक में,ये इंसा खो जाता ll

सबकी है अपनी एक इज्जत, सबका अपना ईमान l
भेद-भाव को छोड़ दो प्राणी, दो सबको मान-सम्मान ll

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