पैसा हो तो अनपढ़ भी, बन जाता समझदार l
  बिन पैसो के पढ़ा-लिखा, कहलाता गवार ll
पैसो वालो के आगे-पीछे, भागे-भागे दौड़े l
  गरीब सामने आ जाये तो, अपनी नज़रे मोड़े ll
मुँह देखकर होते है टीके, पूछ उन्ही की होती है l
  जिनके पास पैसा होता है, उनकी वाह-वाह होती है ll
पैसो वालो की गलती पर, पर्दा डाला जाता l
  गरीब करे तो उसी बात को, खूब उछाला जाता ll
जानते है कोई किसी को, कुछ नहीं दे जाता l
  फिर क्यों पैसे की चमक में,ये इंसा खो जाता ll 
सबकी है अपनी एक इज्जत, सबका अपना ईमान l
  भेद-भाव को छोड़ दो प्राणी, दो सबको मान-सम्मान ll

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