गुरुवार, 21 जनवरी 2016

इन आँखों मे भी सपने हैं...

इन आँखों मे भी सपने हैं…!
इस दिल मे भी कुछ अरमां हैं..!!
बस गर्दिशों मे टूटे तारों जैसी इनकी भी कहानी है..!!
वरना नस्लें तो इनकी भी इंसानी..!!

Acct-इंदर भोले नाथ…

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