शनिवार, 5 दिसंबर 2015

आज हमने किया इजहार

आज हमने किया इजहार ,
उसने कर दिया हमें इंकार। .
हमें बुरा लगा नहीं इस बात का
क्यूंकि उसने कहना " मै उसका दोस्त हूँ ,
और सुना है।
दोस्ती से ही शुरू होता है प्यार।
उसने कहा " मैं बहुत अच्छा यार हूँ।
हा। मैंने भी कहा :- यारी दोस्ती के लिए मै भी तयार हूँ।
आशा है बात अब आगे बढ़ेगी ,
आँखे हमारी फिर से लड़ेगी।
आलोक उपाध्याय

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here आज हमने किया इजहार

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें