बैटी की अर्ज …………………..
मम्मा मै शौचालय बनाउंगी
कुछ पैसे देदो ,कुछ कुलक में है
कुछ चन्दा लाउंगी
मम्मा में शौचालय बनांउगी
स्वच्छता का नारा, सुन्दर मन की माया
ना मेरी पढाई बिगडेगी ,
ना शाला जानें में देरी
मेरी सहेली के घर तो शौचालय है
कुछ पैसे दे दो , कुछ मेरी कुलक में है
कुछ चन्दा लांउगी
मम्मा मै शौचलय बनाउंगी
मै भी स्वच्छता का नारा लगांउगी
स्वच्छता पर गीत गाउंगी
मेरे गुरू जी का कहा करूंगी
खुले में शौच ना जाउंगी
मम्मा में भी शौचालय बनांउगी
कुछ कुलक तोड लाउंगी ,
कुछ सेहली से लेउंगी
कुछ तुम दे दो ,कुछ भैया से लेउंगी
कुछ बाबा को मनांउगी
मम्मा मै शौचालय बनाउंगी
मै जब छोटी से बडी हो जाउंगी
मेरी विनती मेरी अर्जी हाथ पीले तब करना
जब घर शौचालय हो
तब विदा करना
ना तो बिना ब्याई रह जाउंगी
मम्मा मै शौचालय बनाउंगी
@Appu vaishnav
Read Complete Poem/Kavya Here स्वच्छ भारत मिशन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें