बुधवार, 20 जनवरी 2016

"9:45 की लोकल"...

“9:45 की लोकल”

ऑटो स्टैंड से दौड़ता हुआ , मैं जैसे ही रेलवे स्टेशन पहुँचा, पता चला 9:45 की लोकल जा चुकी है !
मेरे घर से तकरीबन 9 .कि.मि. दूर पर है रेलवे स्टेशन, छोटा सा स्टेशन है,लोकल ट्रेन के अलावा 1-2 एक्शप्रेस ट्रेन की भी स्टोपीज़ है, मैं स्टेशन मास्टर के पास गया और पूछा सर बनारस के लिए कोई ट्रेन है ! स्टेशन मास्टर ने बताया दोपहेर 2:45 पर 1 एक्सप्रेस है, वो भी 1 घंटा देर से है ! 10 बजने वाला था, तकरीबन 6 घंटे मुझे ट्रेन के लिए इंतेजारकरना पड़ेगा ! रेलवे स्टेशन से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर है, बस स्टैंड मैने सोचा चलो देखते है शायद कोई बस मिल जाए बनारस के लिए ! वहाँ जाकर पता चला के बनारस के लिए सुबह 8 बजे और शाम 5 बजे ही बस मिलती है! वापस रेलवे स्टेशन आकर मैं एक पेड़ के नीचे चबूतरा सा बना हुआ था, जहाँ 3 बुजुर्ग जो वहीं आस-पास के रहने वालेथे! बैठे बाते कर रहे थे, मैं भी उन्ही के बगल मे जाकर बैठ गया,
अभी 15-20 मिंन्ट ही गुज़रे होंगे, तभी 1 औरत जिनकी उम्र तकरीबन 50-55 साल की होगी, उन्होने मुझे हाथ से इशारा कर के बुलाया, मैने सोचा किसी और को बुला रही हैं, मैने ध्यान नही दिया, दुबारा फिर उन्होने बोला “बेटा ज़रा यहाँ आना” मैने सोचा यहाँ मेरी उम्र का कोई और तो दिख नही रहा, शायद मुझे ही बुला रही है, पर मैं तो इन्हे पहचानतानही ? हो सकता है ये मुझे पहचानती हो, ये सोचकर मैं उनके पास गया,
माफ़ कीजिएगा मैने आपको पहचाना नही क्या आप मुझे पहचानती है, मैने पास जाकर ये पूछा उन्होने कहा बेटा मैं (*******) गाव की रहने वाली हू, मेरे दो बेटे हैं बड़े बेटे की शादी हो गयी है उसके दो लड़के 1 लड़का 1 लड़की है, दिली मे अपने बीबी और बचों के साथ रहता है, दूसरा बेटा तुम्हारी ही उम्र का है, 3-4 दिन हुए वो भी भाई के पास दिल्ली गयाहुआ है, मुझे झुंझलाहट सा महसूस हुआ मैने कहा माजी आपने मुझे ये सब बताने के लिए यहाँ बुलाया, नही बेटा वो मैं अपने पत्ती के लिए दवा लेने आई थी उनकी दवा यही से चलता है, दवा लेके मैं ऑटो से बस स्टैंड आ रही थी,! मेरे पास 1 थैला था जिसमे कुछ समान थे, ऑटो वाले को किराया देकर मैने पैसे वाला बेग उस थैले मे रख दिया, जब मैं ऑटो से उतरी वो थैला ऑटो मे ही छूट गया,! जब मैं बस स्टैंड आई फिर मुझे ध्यान आया, वापस जाके देखा ऑटो वाला वहाँ नही था ! बेटा मेरा घर यहाँ से तकरीबन 25 किमी दूर है, मेरे पास पैसे नही हैं 35 रुपया बस का किराया लगता है, बेटे अगर तुम्हारे पास पैसे हो तो मुझे 35 रुपया दे दो ! जिस डॉकटर के यहाँ से दवा चलता है वहाँ जाने के लिए भी मेरे पास पैसे नही है,
पहले मुझे लगा झूठ बोल रही है, फिर सोचा कपड़े तो अच्छे पहने है, और देखने मे भी सीधी- साधी और सभ्य औरत मालूम हो रही थी, एक हाथ मे पोलिथीन का बेग था जिसमे टैब्लेट्स और कुछ कैप्सूल्स दिख रहे थे! मैने पर्स से 50 रुपया निकाला और उनकी तरफ बढ़ाया, उन्होने कहा बेटा मुझे सिर्फ़ 35 रुपया दे दो, मैने कहा माजी रख लो मेरे पास खुले नही है, पैसे लेते हुए बोली बेटा सुखी रहो भगवान तुम्हारी हर इच्छा पूरी करे, फिर उन्होने ने अपने घर का पता बताया और बोली बेटे कभी उधर आओगे तो मुझसे ज़रूर मिलना, मैने कहा ठीक है माजी, फिर वो बस स्टैंड की ओर जाने लगी,
फिर मेरे दिमाग़ मे ग़लत ख्याल आया मैने उसका पीछा किया, के कहीं झूठ तो नही बोल रही, फिर मैने देखा वो बस स्टैंड की तरफ गयी और एक बस मे चढ़ गयी, मुझे अपने आप पे बड़ा गुस्सा आया, फालतू मे मैने शक किया ! फिर मैं वापस स्टेशन मे आया और ट्रेन का इंतेजार करने लगा, 3 बज़कर 50 मिंट पर ट्रेन आई, टिकेट तो मैने पहले ही ले रखा था, रात को 9 बजे मैं बनारस पहुच गया, पूरी रात स्टेशन पर ही रहा, सुबह 9:30 बजे था, मेरे इंटरव्यू का टाइम मैं 9 बजे ही पहुच गया, मुझे नौकरी मिल गयी ! मैने अपना resume naukari.com पे डाल रखा था, वही से इंटरव्यू के लिए कॉल आया था !

दोस्तो कभी भी कोई मजबूर और लाचार इंसान आप से मदद माँगे, तो आप उसकी मदद ज़रूर करना ! क्या पता वो इंसान सच मे मजबूर हो और इतने लोगों के बीच सिर्फ़ आपके पास आस लगा के आया हो आप से मदद माँगने ! कभी भी किसी ऐसे मजबूर इंसान को नज़र अंदाज़ नही करना,

Acct- इंदर भोले नाथ…

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