तू दर्द है…या दर्द की दवा
  समझ नहीं आता
मेरे हर वक़्त में तू…या तू ही मेरा हर पल
  समझ नहीं आता
तुझसे मेरी हंसी…या मेरी हंसी ही तू
  समझ नहीं आता
मेरे दिल में तू…या ये दिल है तेरा
  समझ नहीं आता
तेरे बारे में सोचती हूँ…या खुद को भूल गयी हूँ
  समझ नहीं आता
तुझे पाकर खुश हूँ…या याद कर के
  समझ नहीं आता
तेरी फ़िक्र करती हूँ…या खोने से डरती हूँ
  समझ नहीं आता
तू मेरा प्यार है…या जीने का ज़रिया
  समझ नहीं आता
तू मुझे मिला…या मैंने तुझे पाया
  समझ नहीं आता
मैं समझना नहीं चाहती…या इस नासमझी में ही खुश हूँ
  मुझे ” समझ नहीं आता “

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