इंसान की परिभाषाएं
आज इंसान, इंसान को
  बना रहा है स्वार्थी
  इंसान की परिभाषाएं आज
  हो गई हैं अनेकार्थी ।
  इंसान ने इंसान को
  है इंसान की संज्ञा दी
  इंसान ने ही इंसान को
  बना दिया है पर्यायवाची,
  आज इंसान, इंसान को
  बना रहा है स्वार्थी ।
  आज यहां लिंग-लिंग में
  हो रहा है बहुत मतभेद
  शोषण लिंग का आज हुआ
  भेद प्रश्नवाचक है नही
  आज इंसान, इंसान को
  बना रहा है स्वार्थी ।
  मानव ने की मानव उपमा
  स्वयं बनाया आंखों का तारा
  कर भ्रूण हत्या मानव ने
  लगा दिया चिन्ह विस्मयादि।
  आज इंसान, इंसान को
  बना रहा है स्वार्थी ।
       -ः0ः-

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