सोमवार, 26 अक्तूबर 2015

उत्साह

आस्मां हरा कर दूं
धरा नील कमल कर दूं
रोक दूं ये पहर
आज मैं क्या से क्या कर दूं
हर सफर तय हो मेरा
हर मंजिल हमसफर मेरी
हर वक्त भाग्य मेरा
हर कली मुस्कान मेरी
तो क्यों न मैं कल को आज कर दूं?

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