अब वो नस्ल है बदल चुकी जब फिर से हिन्दू छला जाए
  जिसको भारत स्वीकार नहीं,.. वो पाकिस्तान चला जाए
  हम त्याग चुके वह मानवता,….जो कायरता कहलाती थी
  कोई तिलक लगाता था तो वह कट्टरता समझी जाती थी
  नियम न माने जो घर के….. वो लेकर सामान चला जाए
  जिसको भारत स्वीकार नहीं,.. वो पाकिस्तान चला जाए
  सर्व धर्म समभाव के बदले, भारत का अपमान नहीं होगा
  माता को डायन कहने वालों का,. अब सम्मान नहीं होगा
  जब तक चुप बैठे हैं.. वो बचा कर अपनी जान चला जाए
  जिसको भारत स्वीकार नहीं,..वो पाकिस्तान चला जाए
  जो जाति, धर्म, मज़हब का रोना,. छाती पीट कर रोते हैं
  आतंकियों के मरने पर उनकी, मईयत में शामिल होते हैं
  खून खौलता है सबका,…. कब तक हाँथों को मला जाए
  जिसको भारत स्वीकार नहीं,..वो पाकिस्तान चला जाए
  कुछ लोग देश में गद्दारों को भी साहब और जी कहते हैं
  जयचंदों से है इतिहास भरा,… ये हर युग में ही रहते हैं
  हमदर्द हो जो गद्दारों का,.. वो खुद शमशान चला जाए
  जिसको भारत स्वीकार नहीं,वो पाकिस्तान चला जाए
  हर मज़हब को अपनाया हर धर्म को हमने शरण दी है
  इस उदारवाद ने ही केवल, मर्यादा अपनी हरण की है
  ऐसा दानी क्या कि खुद का नाम ओ निशान चला जाए
  जिसको भारत स्वीकार नहीं,वो पाकिस्तान चला जाए
  राष्ट्र की बलिवेदी पर जो भी कुर्बान हुआ वो तरा ही है
  जिसे धर्म धरा पर गर्व नहीं वह जीवित हो भी मरा ही है
  वीर सुभाष, भगत सिंह का व्यर्थ न बलिदान चला जाए
  जिसको भारत स्वीकार नहीं,.वो पाकिस्तान चला जाए
  शान्ति शान्ति करते करते कितना नुकसान करा बैठे हैं
  हम जिनको भाई कहते हैं, वो कब से ले के छुरा बैठे हैं
  कहीं इतनी देर न हो जाए, कि सब सम्मान चला जाए
  जिसको भारत स्वीकार नहीं,वो पाकिस्तान चला जाए।। http://sanatansewa.blogspot.com/
गुरुवार, 29 अक्टूबर 2015
जिसको भारत स्वीकार नहीं, वो पाकिस्तान चला जाए। - www.sanatansewa.blogspot.com/
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