गुरुवार, 22 अक्तूबर 2015

सुना था हमने

इश्क तो जालिम है, सुना था हम ने
इश्क तो परवाना है, सुना था हम ने
पर इश्क की बेचैनी हमे अभी महसूस हुई है ..!!!!

इश्क तो फ़ना है, सुना था हम ने
इश्क तो बेगाना है, सुना था हम ने
पर इश्क की वो मीठी दर्द हमे अभी महसूस हुई है ……!!!!

इश्क तो तड़पता है, सुना था हम ने
इश्क तो डराता है, सुना था हम ने
पर इश्क में बेखौफ अभी हम हुए हैं ……!!!!

इश्क एक आग का दरिया है, सुना था हम ने
इश्क आंशुओं का समंदर है, सुना था हम ने
पर इश्क के वो पाक मुखडे मुझसे अभी रूबरू हुए हैं …!!!!!

नादाँ ….नासमझ …
श्याम तिवारी

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