सोमवार, 26 अक्तूबर 2015

बाँट सको तो.....

आज हर कोई बाँट रहा, मुल्को की सरहदो को !
जलजले कब समझते है मजहबी हथियारों को !!
!
बाँट लो तुम चाहे जितना, मुल्को और इंसानो को !
बाँट सको तो बाँट दिखाओ, खुदा के कारनामो को !!

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