शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2015

मेर जिंदगी ... .मेरे पापा

यह रचना मेरी बेटी ने मेरे लिए लिखी थी, इसको आपके साथ साझा कर रहा हूँ, आशा है आप सब का स्नेह आशीर्वाद इस बच्ची को प्राप्त होगा !!

मेर जिंदगी … .मेरे पापा
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मेरी जिंदगी है मेरे पापा,
मेरी बंदगी है मेरे पापा !!

दुनिया के लिए एक आम इंसान है,
लेकिन मेरे लिए भगवान मेरे पापा !!

उन से ही है मेरा अस्तित्व
उन से ही है मेरी पहचान !!

उन्होंने सिखाया जिंदगी जीना,
उनके बिना मेरा जीवन अधूरा !!

मेरी जिंदगी है मेरे पापा,
मेरी बंदगी है मेरे पापा !!

[—-:: हर्षिता निवातियाँ ::—–]

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