गुरुवार, 13 अगस्त 2015

।।ग़ज़ल।।सवाल मेरे गम पर।।

।।ग़ज़ल।।सवाल मेरे गम पर।।

आज फिर से हुआ था बवाल मेरे गम पर ।।
उनकी आँखों ने किया था सवाल मेरे गम पर ।।

उन्हें देखकर, भर ही आयी मेरी आँखे दोस्त !!
असर उनका तो पड़ा था, हरहाल मेरे गम पर ।।

यकीं कर ,न कर, उनकी आँखे तो गवाह है ।।
जो आज, गयीं है कीचड़ उछाल मेरे गम पर ।।

करता तो था तेरा इंतज़ार ,परछाईया सिमटने तक ।।
तेरी आहट भी कर गयी आज मलाल मेरे गम पर ।।

सच तो ये है कि तेरा वादा ही निभा रहा हूँ मैं ।।
जबकि तू चल रही है कोई चाल मेरे गम पर ।।

…….R.K.M

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