बुधवार, 19 अगस्त 2015

गीत- शकुंतला तरार -क्या है कविता

क्या है कविता

दर्द का एहसास है कविता
मूक भावों की प्यास है कविता
चोट लगे जब दिल पर गहरी
चंद पंक्तियों में खास है कविता
पायल की रुनझुन है कविता
चूड़ियों की खनखन कविता
जवां दिलों की धड़कन-तड़पन
शब्दों के उलझन में कविता
कवि हृदय की जान इसी में
कवियों की मुस्कान है कविता
पत्थरों के सीने में हलचल
छीनी छुरी की धार है कविता
प्यार का इज़हार है कविता
बिन हिंसा के वार है कविता
सागर की गहराई से और
आसमान से ऊँची कविता
कभी हंसाती कभी रुलाती
कवियों की पहचान है कविता
कण-कण क्षण-क्षण कविता है तो
दिग्दिगंत और क्षितिज में कविता
बरखा की रिमझिम है कविता
दीपक की टिमटिम है कविता
तुलसी की चौपाई कविता
सूरदास के पदों में कविता
वेद-पुराण उपनिषदों में
ऋषि-मुनियों का विज्ञान है कविता
आप सभी के आशीषों से
मेरे अन्दर भी है कविता

शकुंतला तरार

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