आजादी देश और हम
कल आजादी का पर्ब है
  सरकारी अमला जोर शोर से तैयारी कर रहा है
  स्कूल के बच्चे और टीचर अपने तरह से जुटे हुए हैं
  आजादी का पर्ब मनाने के लिए
  कुछ लोग छुट्टी जाकर
  लॉन्ग वीकेंड को मनाने को लेकर उत्साहित हैं
  छोटी मुनिया , छोटू
  ये सोच कर बहु खुश है कि
  पेपर और प्लास्टिक के झंडे से अधिक पैसे मिलेंगें
  सोसाइटी ऑफिस के लोग
  देश भक्ति से युक्त गानो की सी डी और ऑडियो को खोजने में ब्यस्त हैं
  कि पुरे दिन इन गानो के बजाना होगा
  बच्चे लोग इस बात से खुश है कि
  कल स्कूल में पढ़ाई नहीं होगी
  ढेर सारा मजा और मिठाई अलग से मिलेगी
  लेकिन
  भारत काका इस बात से खिन्न हैं
  कि अपनी पूरी जिंदगी सेना में खपाने के बाद भी
  सरकार उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है (एक रैंक एक पेंशन)
  अपनी आँख और खूबसूरती खो चुकी
  भारती ये सोचकर परेशान है कि
  आधी आबादी को जीने का बराबरी का हक़ कब मिलेगा
  और मिलेगा भी या नहीं
  कुछ आशाबादी लोग
  अब भी इस आशा में है कि
  कल प्रधानमंत्री शायद
  कुछ ऐसा कर दें कि
  उनकी जिंदगी में अच्छे दिन आ जाये
  और बे भी
  आजाद भारत
  के
  आजाद नागरिक के रूप में
  अपना जीबन
  बेहतर ढंग से जी सकें
१५ अगस्त की हार्दिक शुभकामनायें
मदन मोहन सक्सेना
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