शुक्रवार, 28 अगस्त 2015

भाई-बहन का प्यर अनूप

बच्पन के दिन और रात,
हुम दोनो ने व्यतीत किये है साथ-साथ।

खेल्ते कूदते नाचते गाते, करते तमाशे,
ना जाने कब हो गये ह्म जवान हन्सते-हन्साते।

मनजिले दोनो की हो गयी है दूर,
परन्तु प्यर भाई बहन का है और रहेगा भरपूर।

यह बनधन अपने आप मे है इतना महफूस,
कि दूरिया भी ना मिता पायेगी भाई बहन का प्यार अनूप।

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