तेरा साथ……….
साथ में हम साथ चलते जा रहे हैं, साथ के मायने बदलते जा रहे हैं
  साथ में हम तुम सनम, यूं जुड़ गए हैं, सात जन्मों के ये नाते जुड़ गए हैं
  साथ तेरा साथ जब तक न था मेरे , रातें लगती थी की जैसे हों अँधेरे, भीड़ में भी हम रहे कितने अकेले
  आज तेरे साथ में दिल झूमता है, हर घडी धड़कन को मेरी चूमता है
  पास हो या दूर हो हमसे सनम अब , साथ तेरा हमसे नहीं अब छूटता है.

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें