माखन चोर नन्द किशोर, जन्मे मथुरा धाम l
  पाप से मुक्ति दिलाएंगे ,मेरे प्यारे घनश्याम ll
  अजर अमर हूँ इसका कंस को, था बड़ा अभिमान l
  कंस का अंत करने जन्मे, प्यारे कृष्ण भगवान ll 
बहिन देवकी-वसुदेव को भय से, कंस ने बंदी  बनाया l
  देवकी गर्भ से जन्मे शिशु का ,कंस ने वध करवाया ll
  देवकी पुत्र रूप में कान्हा जब धरती पर आये l
  वसुदेव ने गोकुल ले जाके ,कान्हा के प्राण बचाये ll 
मथुरा जन्म लिया कान्हा ने ,पले-बड़े गोकुल धाम l
  पाप से मुक्ति दिलाएंगे ,मेरे प्यारे घनश्याम ll 
यशोदा का लाड़ला कान्हा , माखन चोर कहलाये l
  बंसी की मधुर  धुन पे गोपियाँ, अपना नाच दिखाये ll
  गोकुल की रक्षा खातिर , ऊँगली पर गोवर्धन उठाया l
  शेष नाग के फन पर चढ़कर ,कान्हा ने नाच दिखाया ll
कंस का वध कर कान्हा ने ,मथुरा को मुक्त कराया l
  माँ-बाप को गले लगाके, बेटे का फर्ज निभाया ll
  कान्हा के इस रूप को हम मुरलीवाला भी बुलाते l
  जन्माष्टमी  के रूप में ,हम ये पर्व मानते ll 
जय श्री कृष्णा ! जय श्री कृष्णा ! जय श्री कृष्णा !
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