बुधवार, 26 अगस्त 2015

जन्माष्टमी

माखन चोर नन्द किशोर, जन्मे मथुरा धाम l
पाप से मुक्ति दिलाएंगे ,मेरे प्यारे घनश्याम ll
अजर अमर हूँ इसका कंस को, था बड़ा अभिमान l
कंस का अंत करने जन्मे, प्यारे कृष्ण भगवान ll

बहिन देवकी-वसुदेव को भय से, कंस ने बंदी बनाया l
देवकी गर्भ से जन्मे शिशु का ,कंस ने वध करवाया ll
देवकी पुत्र रूप में कान्हा जब धरती पर आये l
वसुदेव ने गोकुल ले जाके ,कान्हा के प्राण बचाये ll

मथुरा जन्म लिया कान्हा ने ,पले-बड़े गोकुल धाम l
पाप से मुक्ति दिलाएंगे ,मेरे प्यारे घनश्याम ll

यशोदा का लाड़ला कान्हा , माखन चोर कहलाये l
बंसी की मधुर धुन पे गोपियाँ, अपना नाच दिखाये ll
गोकुल की रक्षा खातिर , ऊँगली पर गोवर्धन उठाया l
शेष नाग के फन पर चढ़कर ,कान्हा ने नाच दिखाया ll

कंस का वध कर कान्हा ने ,मथुरा को मुक्त कराया l
माँ-बाप को गले लगाके, बेटे का फर्ज निभाया ll
कान्हा के इस रूप को हम मुरलीवाला भी बुलाते l
जन्माष्टमी के रूप में ,हम ये पर्व मानते ll

जय श्री कृष्णा ! जय श्री कृष्णा ! जय श्री कृष्णा !

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