शनिवार, 22 अगस्त 2015

अक्सर दर्द पिया करता हूँ......

दर्द सहने के लिये मै अक्सर दर्द पिया करता हूँ
खामोशियो मे रहने के लिये मै खामोशि से जिया करता हूँ
बात बडी नहि जो किसि रोज धडकन रुक जाये मेरी
मरना वो भि क्या मे तो हर पल मे मरता रहता हूँ

जान है तु मेरी जान क्यु एसी बात मे किया करता हूँ
बेवफाइ पर तेरी मै वफा का जाम पिया करता हूँ
मुस्कुराते चेहरे पर ना देख ले कोइ आन्सु मेरे
रोने के लिये भि मै बरसात का इन्तजार किया करता हूँ

ए बेवफा तेरी वफा से भी ना जाने क्यु अब मे डरता हूँ
शायद आदत है बेवफाइ की इसलीये यादो मे तेरी मरता हूँ
ले हाथो मे खन्जर और चीर दे ये दिल मेरा…. रुक जरा
इसमे तु है चोट कही तुझे ना लग जाये इस बात से मे डरता हूँ

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