।।गजल।।मुस्कराया न कर।।
अब रहने भी दे तू मुझे तड़पाया न कर ।
  अपनी यादो के तूँफा से रुलाया न कर ।। 
फ़िक्र तो कर मेरे दिल के हालात की अब
  उन झूठी अदायें को अब दिखाया न कर। 
मेरी दिल की चाहत का तुझे एहसास नही
  तो मेरे स्वप्नों में आकर मुस्कुराया न कर । 
ख़त्म हो ही जायेगा तख़लीफो का दौर ।
  अब मेरी मुहब्बत को तू आजमाया न कर 
ऐ दोस्त तुम्हे हक है तेरी जिंदगी जीने का।
  मज़ाक मेरी जिंदगी का भी उड़ाया न कर।
……R.K.M
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