।।गज़ल।।नसीब से ज्यादा ।।
दर्द कौन सहता है गरीब से ज्यादा ।।
  मिलता किसे क्या है नसीब से ज्यादा ।। 
कद्र करता हूँ तुम्हारे प्यार की अब भी ।।
  ख्याल तेरा है हमे हर चीज से ज्यादा ।। 
जब दिल ने किसी और को एहसास कर लिया ।।
  तो अब कोसिस न करो तरकीब से ज्यादा ।। 
जब किस्मतों ने ही हमारा रिश्ता नही जोड़ा ।।
  तब क्यों पेश आते हो तमीज से ज्यादा ।। 
बेवफा मत कहना मेरी मजबूरिओ की खातिर ।।
  मेरी दोस्ती है बढ़कर किसी ताबीज़ से ज्यादा ।। 
………….R.K.M
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