दौड़े जाओ लक्षय ले कर
  इंतिज़ार में किसी की न रुको
  जब तक न मिले मंज़िल
  रणभूमि में योद्धा बन लड़ते रहो
निकलो बाहर निराशा से
  न लोगो की भीड़ देखो
  तुम्हे ऊची उड़न उड़ना है
  डर को कोसो दूर फेको  
दुनियाँ की भाग दौड़ देखो
  उम्मीद रखो  हार न ,मानो
  जो समाज के काम आये
  ऐसा कुछ यह कर दिखाओ 
बुराइयो को दूर फेको
  गलतियों से कुछ सीखो
  कर दो सबको पीछे
  सिर्फ अपना लक्षय देखो 
तुमसे है युग निर्माण
  ये बात दिल में बैठा लो
  लिख जाओ नयी  इतिहास कोई
  नाम अपना अमर कर जाओ 
// दुष्यंत पटेल //
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