आज फिर उनकी याद आई तो मन को मसोश कर रह गए हम
कल गर उनकी याद फिर से आई तो क्या करंगे हम
इस लिए इस बेबस मन को समझते है हम
है नहीं इस दर्द का कोई भी मरहम
यादें है उनकी पास हमारे इन्ही के सहारे जी लेंगे हम
पर है की यह कम्बखत दिल मानता ही नहीं उनके बगैर
आज फिर से एक नाकाम कोशिश की दिल को मानाने की
पर दिल भी तो कम्बखत है की मानता ही नहीं
फिर खोल दी हमने यादो की वो खिड़की
जब थे वो हमरे दिल के करीब
झांक कर यादो के झरोखो से दिल को समझाया बमुश्किल
आया तभी एक झोका हवा का और बंद हो गया झरोखा उनकी यादो
तिल तिल मर कर जीना हमने सिख लिया है
इस दिल को भी दिलाशा देना सिख लिया है
जब भी आती है अब याद आपकी हम दिल को समझते नहीं
बस उसको ले जाते है हैं उस झरोखे के पास
जँहा से वो खुश तुम को देख कर होता है
काश तुम भी समझ पाते की हाल दिल क्या है हमारा
यूँ छोड़ कर चले जाने के बाद
जी रहे हैं यादो के सहारे आपकी ये मत छीन लेना कभी हम से !!!!!!!!!!!!!!
By Anderyas
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