गुरुवार, 16 जुलाई 2015

क्या बताऊँ तुम मेरी क्या हो !

क्या बताऊँ तुम मेरी क्या हो
मैं नदी तुम मेरी रवानगी हो
मैं सोच तुम मेरी संजीदगी हो
मैं संगीत तुम मेरी लय हो

क्या बताऊँ तुम मेरी क्या हो
मैं सूर्य तुम मेरी किरण हो
मैं लक्ष्य तुम मेरी मंज़िल हो
मैं कथन तुम मेरी यथार्थ हो

क्या बताऊँ तुम मेरी क्या हो
मैं यश तुम मेरी कृति हो
मैं ख़ामोशी तुम मेरी आवाज हो
मैं चमन तुम मेरी हरयाली हो

क्या बताऊँ तुम मेरी क्या हो
मैं शब्द तुम मेरी भावना हो
मैं समुद्र हूँ तुम मेरी मौजें हो
क्या बताऊँ तुम मेरी क्या हो

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